DETAILED NOTES ON PARAD SHIVLING TEMPLE

Detailed Notes on parad shivling temple

Detailed Notes on parad shivling temple

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“Longevity, fantastic well being, prosperity and all wished-for achievements might be acquired in the worship of Parad Shivaling.”

पारद शिवलिंग से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।

When the universe faces a crisis, Anyone runs to Bhagwan Mahadev Shankar. Precisely the same detail happened when when the world was unequipped, helpless and dealing with the damaging energies of demons.

It's thought that, to have a Shivling manufactured from mercury (Parad) one must be blessed by way of excellent karmic deeds from the previous beginning.

पारद शिवलिंग की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना करने से संतानहीन दंपति को भी संतानरत्न की प्राप्ति हो जाती है।

Parad is recognized as “Mercury" in English and it is thought to be the purest method of Shivling or Lord Shiva. It is claimed that obtaining Parad Shivling is akin to accomplishing Puja of 12 Jyotirlingas. Giving prayers ot Parad shivling helps even childless partners to conceive. Any person who's got recognized Parad Shivling at their home may have their lifetime filled with income, pleasure and may be free of negative results and in many cases premature Dying.

 मोक्ष प्राप्ति का द्वार खोलता है पारद शिवलिंग।

तदा वंशस्यविस्तारो जायते नात्र संशय:।।

Standing at eleven inches in peak, the idol exudes terrific attraction. An excellent get more info addition to any Puja home or a perfect reward selection. The products showcases a remarkably smooth, desirable, and shiny finish.

श्रावण महीने में शिव पूजा बहुत ही लाभदायक है। यदि आपको पारद शिवलिंग मिल जाए तो आपके परम सौभाग्य की बात है। श्रावण मास में पारद शिवलिंग लाकर अपने पूजा स्थल पर स्थापित करें। यदि आपके मंदिर में शिव परिवार अथवा पार्वती-शिव की तस्वीर है तो पारद शिवलिंग को उन्हीं के समक्ष स्थापित करें। चांदी, तांबा अथवा पीतल की प्लेट में सफेद वस्त्र बिछाकर उन्हें विराजमान करें। उससे पहले उन्हें गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान शिव के मंत्रों से उनका आह्वान करें। ’ओम् नमः शिवाय। ओम् त्रयंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’ आदि मंत्रों से एक अथवा दो माला का जाप करके उन्हें अपने आसन पर विराजमान करें। प्रातः अपनी नियमित पूजा के साथ साथ उन पर गंगाजल, धूप-दीप, पुष्प आदि चढ़ाएं अथवा चंदन का लेप करें एवं प्रार्थना करें।

पारद शिवलिंग के स्पर्श करने मात्र से सकारात्मक ऊर्जा का शरीर में प्रवेश होता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है। शिवपुराण में बताया गया है कि अन्य शिवलिंगों के अपेक्षा पारद शिवलिंग की पूजा करने से हजार गुना फल मिलता है। बताया जाता है कि पारद की उत्पत्ति भगवान शिव के अंश से हुई थी और घर में इसको रखने पर भगवान शिव, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता का स्थायी वास होता है।

This act of self-sacrifice is commemorated during the worship on the Parad Shivling, symbolizing Shiva's energy to transform poison into nectar and destructive energies into favourable types.

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नवग्रहों से जो अनिष्ट प्रभाव का भय होता है, उससे मुक्ति भी पारद शिवलिंग से प्राप्त होती है।

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